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लोग वादे तो सच्चे करते हैं

जिस मनुष्य की बुद्धि कर्तव्य कर्मों में रुचि और व्यर्थ के कर्मों में अरुचि को जानती है तथा कार्य अकार्य, भय अभय, बंधन और मोक्ष को जानती हैं वह बुद्धि सर्वश्रेष्ठ है।
जब देने के लिए मूल्य नहीं है तो क्यों वस्तु की इच्छा करते हो। 
अगर साहस है ही नहीं तुम में  तो क्यों मुश्किलों में पढ़ते हो।
जब खुद पर ही भरोसा नहीं है तुम्हें तो क्यों दूसरों से उम्मीद करते हो।
दुनिया को समझाते हो दुनियादारी क्या तुम सच में दुनिया को समझते हैं।

जो होता है अच्छे के लिए ही होता है आशा निराशा के भाव इच्छाओं की सफलता असफलता के कारण बदलते रहते हैं अगर ठोस निर्णय लिया है तो दृढ़ता से अपने कार्य में तत्पर रहो, शरीर को स्वस्थ और मन को स्वच्छ रखो आर्थिक अभाव कभी बड़ी समस्या नहीं होती है

✍️✍️🙏🙏

#chetanshrikrishna

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3 Comments

सुन्दर विचार

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Satvinder Singh

01-Mar-2023 10:39 AM

Nice 👍

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Gunjan Kamal

01-Mar-2023 09:15 AM

👍🏼

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